Posts

Showing posts from July, 2022

दोहा: पाँलीथिन

👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀 ~~~~~~~~~~~~~~_बाबूलालशर्मा,विज्ञ_ .                     *दोहा छंद* .               🌹 पाँलीथिन 🌹 .                    👀🌹👀 पाँलीथिन से  अट रहे, गली पन्थ घर द्वार। धरती  सागर  गौ नदी, होते सतत शिकार।। जलपथ के अवरोध से, दूषित हैं जलस्रोत। पाँलीथिन खा  गौ मरे, मछली पोत कपोत।। रखते  रोटी  साग फल, पाँलीथिन में डाल। बचे हुए  को  फेंकते, यही  गाय का  काल।। पाँलीथिन भर फेंकते, बासी भोज्य पदार्थ। गाय सड़क पर खा रही, यह कैसा परमार्थ।। अब पाँलीथिन  बन्द कर, पर्यावरण सुरक्ष। गाय धरा नदियाँ  बचे, हरियाली हित वृक्ष।। .                    👀👀👀 ✍© बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ  निवासी - सिकन्दरा,  दौसा  राजस्थान ३०३३२६ 👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀