जळ चाळीसा
💧💧💧💧💧💧💧💧💧💧💧 ~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा,विज्ञ . 💧 *जळ चाळीसा* 💧 ( ढूँढाड़ी ~राजस्थानी भाषा में सृजित ) . ....👀🌹👀.... दोहा:- घर मिन्दर दर देवरा, पूजा जप तप ध्यान। जीवण रो आधार जळ, सगळाँ सुख री खान।।१ जळ री महमा किण कथै, जाणै सग संसार। हर टपकै रो मोळ नर, कर जळ रो सत्कार।।२ चौपाई:- जै जळ देव जीवसुख दाता। माँ बाबुल बीरा सा त्राता।। श्री हरि वासे क्षीर समन्दर। शिव कहलावै प्रभु गंगाधर।। मेह देव इन्दर बरसावै। वरुण देव जळराज कहावै।। अवध राम री सरयू माई। जळ जमना तट कृष्ण कन्हाई।। गंगा जमना बहवै कळ कळ। पाप जन्म रा काटै सग जळ।। जळ ऋषिकेश गंग हरिद्वारै। काशी जळ भव पार उतारै।। राम नाम केवटियो बोलै। गंग नीर मन गँठड़ी खोलै।। मावड़ धरती बाबुल पाणी। कथी कहाणी सतगुरुवाणी।। मिनखाँ हित पाणी ले आई। नदियाँ जणमाता सुखदाई।। सूरज नै अर्प...