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बाबू लाल शर्मा, बौहरा,'विज्ञ' को मिला- विज्ञ साहित्य रत्न सम्मान

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दिनांक 26.04.2025 शनिवार को मधुवन होटल, दौसा के सभागार में श्री सुर संगम संस्था दौसा द्वारा आयोजित सुरों का कारवाँ 2025 के रंगारंग कार्यक्रम में संस्था के पदाधिकारीगण- श्री अशोक खेड़ला, श्री रामवीर सिंह साहिल, डाँ. कृष्ण कुमार सैनी, श्री ऋषभ शर्मा 'समाज सेवी'  एवं श्रीमान अति. जिला कलेक्टर दौसा, श्री R.S.चौहान ने उपस्थित जिले भर के कवि एवं गायक कलाकारों के समक्ष वरिष्ठ साहित्यकार डाँ. बाबू लाल शर्मा, बौहरा,'विज्ञ' , सिकंदरा, दौसा को  सनातनी छंद संरक्षणार्थ- संस्था का प्रथम बार- 'विज्ञ' साहित्य रत्न' सम्मान 2025' मय स्मृति चिह्न, अंग वस्त्र, माला एवं साफा पहना कर फ्रेम जड़ित सम्मान पत्र प्रदान किया। कार्यक्रम में श्री सुर संगम संस्था के समस्त सदस्यों सहित श्री सियाराम सत्तावन, श्री सुशील शर्मा, श्री कमल सिंह डोई, श्री विश्राम सैनी, नमन खंडेलवाल, निकिता त्रिवेदी, डाँ. बृजमोहन मीना, श्री कैलाश सुमा , श्री दिनेश तूफानी एवं मंचासीन, समाज सेवी व भामाशाह, व नारी शक्ति की गरिमामयि उपस्थिति में कार्यक्रम का प्रभावी और शानदार संचालन डाँ रामवीर सिंह साह...

छंद लेखन कौशल सर्टिफिकेट कोर्स

१० जनवरी २०२५ रवीन्द्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल के छंद पाठ्यक्रम समन्वयक व प्रशिक्षक श्री योगेश समदर्शी जी ने बताया कि भारत में पहली बार अगस्त २०२४ में - रवीन्द्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल द्वारा ' हिन्दी छंद लेखन कौशल सर्टिफिकेट कोर्स' प्रारंभ किया था। तीन माह आनलाइन प्रशिक्षण उपरांत आयोजित परीक्षा ( लिखित+ मौखिक) के के उपरांत दिनांक 10.01.2025 को जारी परीक्षा परिणाम में श्री बाबू लाल शर्मा, बौहरा,'विज्ञ' ( सिकंदरा, दौसा , राजस्थान) ने १००% अंक प्राप्त कर विश्वविद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस अवसर पर रवीन्द्र नाथ टैगोर विश्वविद्यालय, भोपाल की कुल सचिव व डीन मैम सहित समस्त स्टाफ एवं देश भर के छंदकारों, साहित्यकारों एवं स्नेही जनों द्वारा श्री बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ जी को बधाई एवं शुभकामनाएँ दे कर अभिनंदन किया गया। बाबू लाल शर्मा, बौहरा,'विज्ञ' ने बताया कि छंद साधना ही उनका अहम लक्ष्य है और वे सतत हिन्दी भाषा की सेवार्थ तत्पर रहेंगे।

दौसा दर्शन

आइए आपको  हमारे यहाँ दौसा की सैर  करवादें  मेरा जिला,मेरी बोली, मेरा गाँव ,संस्कृति,रीति, पर्यटन,इतिहास,फसल सब से रुबरू.....  ..तो आइए दौसा दर्शन ( १६  मात्रिक  छंद मय ) .           °°°°°° आओ सैर कराँ दौसा की, नामी बड़गूजर धौंसा की। किलो सूप सो दौसा माँई। शिवजी नीलकंठ प्रभुताई। गाँवा  कस्बावाँ  शहराँ की, आओ सैर कराँ दौसा की। यातो जिलो बड़ो ही  नामी, ईंका माणस  भी सर नामी। पचपन याद करै बचपन नै, भूलै  सहज नही  छप्पन नै। मनसां पढ़ बा लिख बा की। आओ सैर................ देखो  लालसोट  अल बेलो, छतरी ख्यालन् को छै हेलो। मंडावरी  गजब  की, नगरी। पपलज माता परबत पधरी। डूँगर    रेल  सुरंग  हवा की, आओ सैर ............... बसवा  रही   पुरानी पूँजी, डाइट,भांडा,दरगाह गूँजी। राणा सांगा  प्रण  संरक्षण। बाबर संग  लड़ाई तत्क्षण। रेलाँ   बाँदीकुई  सब  देखी, गजबण आभानेरी  चोखी। टोळी देश विदेश जणा की, आओ सैर............... या सिकराय भ...

विज्ञ छंद विज्ञान, छंद ग्रंथ'

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