दौसा दर्शन
आइए आपको
हमारे यहाँ दौसा की सैर
करवादें
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सब से रुबरू.....
..तो आइए
दौसा दर्शन
( १६ मात्रिक छंद मय )
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आओ सैर कराँ दौसा की,
नामी बड़गूजर धौंसा की।
किलो सूप सो दौसा माँई।
शिवजी नीलकंठ प्रभुताई।
गाँवा कस्बावाँ शहराँ की,
आओ सैर कराँ दौसा की।
यातो जिलो बड़ो ही नामी,
ईंका माणस भी सर नामी।
पचपन याद करै बचपन नै,
भूलै सहज नही छप्पन नै।
मनसां पढ़ बा लिख बा की।
आओ सैर................
देखो लालसोट अल बेलो,
छतरी ख्यालन् को छै हेलो।
मंडावरी गजब की, नगरी।
पपलज माता परबत पधरी।
डूँगर रेल सुरंग हवा की,
आओ सैर ...............
बसवा रही पुरानी पूँजी,
डाइट,भांडा,दरगाह गूँजी।
राणा सांगा प्रण संरक्षण।
बाबर संग लड़ाई तत्क्षण।
रेलाँ बाँदीकुई सब देखी,
गजबण आभानेरी चोखी।
टोळी देश विदेश जणा की,
आओ सैर...............
या सिकराय भाग्य सूँ नामी,
हिँगलज माताजी जनजामी।
घाटा मेंहदी पुर दरबार,
लागै भगताँ भीड़ अम्बार।
सिकंदरो अरमान समूचो,
पत्थर नक्काशी दर ऊँचो।
लकड़ी सौड़ रजाई बाँकी,
आओ सैर..... .........
महुवा पाटोली को लेखो।
होळी मनै पावटा देखो।
महुवा गढ़ री देवी माता।
पाछै मण्डावर जुग बातां।
बाला हेड़ी बरतन नगरी।
मंडी लोहा मींडा बकरी।
गाढ़ी भू खेती करषाँ की,
आओ सैर.............
तहसिल नई लवाण नवेली,
खादी दरियाँ गायाँ भेळी।
नाहन पाटन नीचै दाबी,
अब तो नई नाथ पै चाबी।
शिव दर नाचै भाभी काकी,
आओ सैर.......... ....
दौसा तहसिल देवगिरी मैं,
शिवजी पाँच पंच सा जीमैं।
होटल भाँडरेज गढ वाळी,
गिरिराज धरण तेरा ताळी।
सड़काँ ,रेलाँ घणी सवारी,
बसन्ती पवन चलै मेळा री।
कामना डोवठा खाबा की,
आओ सैर कराँ..........
मोदक गीजगढ़ का खाओ,
डूँगर किलो घूम नै आओ।
झाझी राम पुरा मैं न्हावो,
भोजन साँवलिये दर पावो।
दाळ पचवारा री ढब की,
मारो आलूदा मै डबकी।
खीर बिनौरी रा बाला की,
आओ सैर....... .......
आभानेरी घणी पुराणी,
भंडा भद्रा किणरै जाणी।
चालो चाँद बावड़ी देखो,
हर्षद माता शुभ अमळेखो।
सल्ला बाबू लाल शर्मा की,
आओ सैर ..............
रेतली बाण गंगा यामै,
मौरल सावाँ सूरी जामै।
बन्दो काळा खो हरषावै,
माधो सागर सुर भरजावै।
महिमा ढूँढाड़ी, भासा की,
आओ सैर ...............
हींगवा नाथ समाजी कंथी।
राम, कबीरा, दादू पंथी।
देव मीन मय सर्व इबादत।
दरगा हजरत करें जियारत।
कविता काव्य पिपासा की,
आओ सैर........ .....
सुन्दर दास संत की नगरी,
देखो दादू धाम टहलड़ी।
गेटोलाव सन्त सर , पावन,
पंछी मैना पिक मनभावन।
भरोसा और जिज्ञासा की,
आओ सैर.............. .
नींबू कैरी आम करूंजा,
ककड़ी कद्दू अरु खरबूजा।
चोखा निपजै फळ तरकारी।
गायाँ भैंस कृषक उपकारी।
डेयरी सरस भली आसा की,
आओ सैर....... ......
फैंटा चूनड़ली फहराबो,
सादा जीवन सादा खाबो।
सुड्डा दंगल साहित हेला।
गाँव गाँव में भरताँ मेळा।
रीत प्रभू भोग पतासा की,
आओ सैर कराँ .........
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रचनाकार ©ढूँढाड़ी
बाबू लाल शर्मा, बौहरा, *विज्ञ*
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