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दौसा दर्शन

आइए आपको  हमारे यहाँ दौसा की सैर  करवादें  मेरा जिला,मेरी बोली, मेरा गाँव ,संस्कृति,रीति, पर्यटन,इतिहास,फसल सब से रुबरू.....  ..तो आइए दौसा दर्शन ( १६  मात्रिक  छंद मय ) .           °°°°°° आओ सैर कराँ दौसा की, नामी बड़गूजर धौंसा की। किलो सूप सो दौसा माँई। शिवजी नीलकंठ प्रभुताई। गाँवा  कस्बावाँ  शहराँ की, आओ सैर कराँ दौसा की। यातो जिलो बड़ो ही  नामी, ईंका माणस  भी सर नामी। पचपन याद करै बचपन नै, भूलै  सहज नही  छप्पन नै। मनसां पढ़ बा लिख बा की। आओ सैर................ देखो  लालसोट  अल बेलो, छतरी ख्यालन् को छै हेलो। मंडावरी  गजब  की, नगरी। पपलज माता परबत पधरी। डूँगर    रेल  सुरंग  हवा की, आओ सैर ............... बसवा  रही   पुरानी पूँजी, डाइट,भांडा,दरगाह गूँजी। राणा सांगा  प्रण  संरक्षण। बाबर संग  लड़ाई तत्क्षण। रेलाँ   बाँदीकुई  सब  देखी, गजबण आभानेरी  चोखी। टोळी देश विदेश जणा की, आओ सैर............... या सिकराय भ...