सुख-दुख

🌾🌴🌾🌴🌾
""""""""""""""बाबूलालशर्मा
🌹 *सुख-दुख*🌹
          
मैने तो हर पीड़ा झेली,
   सुख-दुख की बाते बेमानी।🦅

दुख ही मेरा सच्चा साथी,
       श्वाँस श्वाँस मे रहे संगाती।
मै तो केवल दुख ही जानूं,
      प्रीत रीत मैने कब जानी,
सुख-दुख की बाते बेमानी।🦅

सुख तो केवल छलना है,
      मुझे निरंतर पथ चलना है।
बाधाओं से कब रुक पाया,
      जब जब मैने मन में ठानी,
सुख-दुख की बातें बेमानी।🦅

अवरोधक है सखा हमारे,
      संकट बंधु पड़ोसी सारे।
इनकी आवभगत कर देखे,
      कृत्य सुकृत्य हितैषी मानी,
सुख-दुख की बातें बेमानी।🦅

विपदाएँ अच्छी लगती,
      मेरा एकाकी पन हरती।
स्वांस रक्त दोनों ही मैने,
      देशधरा की सम्पत्ति मानी,
सुख-दुख की बातें बेमानी।🦅
 
मन में सुख-दुख जोड़ा है,
      दुख ज्यादा सुख थोड़ा है।
दुख में नई प्रेरणा मिलती,
     सुख की सोचें ही  नादानी,
सुख-दुख की बातें बेमानी।🦅

🌹🌹

✍✍©
बाबू लाल शर्मा,बौहरा
सिकंदरा,दौसा,राज.
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