शारद वंदन
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~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
. *हरिगीतिका-छंद*
. 'शारद-वंदन'
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मात नमन हम करें सदा ही,
हमको शिक्षा दान दो।
पढ़ लिख सीखें तमस मिटाएँ,
ज्ञान का वरदान दो।
अज्ञानता को दूर कर माँ,
ज्ञान का पथ भान दो।
पित,मात,गुरु सेवा करूँ माँ ,
भाव संगत मान दो।
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मात शारदे वंदन गाता,
चरण कमल पखारता।
तरनी तार मेरी तो माता,
दूर कर अज्ञानता।
नवल प्रकाश ज्ञान का भर दे,
पंथ नहीं पहचानता।
मै नादान अभी भी माता,
वंदन पद न जानता।
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स्वर संगीत कुछ नहीं जाने,
संग गीत सुनावनी।
कृपा तुम्हारी मातु हमारी,
तरनि पार लगावनी।
राह कठिन है पथ मयकंटक,
मातु पंथ सँवारनी।
जीवन मेरा तुझे समर्पित,
कर कमल अपनावनी।
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✍🙏©
RJ-1100/2018
बाबू लाल शर्मा"बौहरा"
सिकंदरा, 303326
दौसा,राजस्थान,9782924479
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