नंद लाल
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"""""""""""""""""बाबूलालशर्मा
. 🌹 *हरिगीतिका छंद*🌹
. *नन्दलाल*
अब आजा नंद लाला चलें,
चल गाय चरानी है।
मधु वन जाय संग ग्वाल बाल,
मुरलिया बजानी है।
संग राधा व विसाखा रहे ,
तब रास रचानी है
पथ दधि माखन बिखेरे संग,
गोपियाँ चिढ़ानी है।
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सुख दाम सुदामा ऊधो मित्र
सभी के मन भाय है।
सब मिल संग संग गौ ले के
मधुवन को जाय है।
पथ मिले भोरी गोपियन के,
दधि माखन चुराय है।
नटखट बाल ग्वाल हँसत संग,
नंदलाल मुस्काय है।
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✍🙏©
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा, 303326
दौसा,राजस्थान 9782924479
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~~~~हरिगीतिका~~~~
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