राखी बंधाई

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"""""""""""""""""""""""""""""बाबू लालशर्मा
ढूंढाड़ी भाषा :--
वतन पै शहीद हुया भाई
की मूरत पर उणरी बहण
राखी बांधण आवै जद रो
दरस:-- *कुण्डलिया-छंद*

.            🌼  *राखी बंधाई* 🌼
.                 🌼  *1* 🌼
फौजाँ मै भरती  हुयो, धरा पूत को पूत।
सीमा पै  रक्षा  करै, भारत   वीर  सपूत।
भारत वीर  सपूत ,बहन राखी  बुलवाई।
मै राखी घर आउँ,बहन यादाँ अब आई।
कहे लाल कविराय,होणी चाव जे होजा।
रीत  चलै टकराव ,लड़ै  सीमा पै फौजाँ।
.              🌼  *2* 🌼
बीरो जी बुलाइ मनै, आज्यो बहन जरूर।
जान  गँवादी  बीर  जी , सहादती  दस्तूर।
सहादती  दस्तूर , लौटि घर  लिपट तिरंगै।
प्रतिमा लागी  चौक , हुये परिजान बिरंगै।
'लाल'पोमचो ओढ़ ल्याइ राखी जड़ हीरो।
हिवड़ो फाट्यो जाय, हुयो क्यूँ मूरत बीरो।
.               🌼  *3* 🌼
भाई  थारी  याद में , भूली  सब  सौगात।
राखी  बाँधण  चाव है ,बीराँ   थारै  हाथ।
बीरा  थारै   हाथ,  बाँधती   राखी म्हारी।
भारत माँ का पूत, गरब अब मूरत थारी।
भर मिल लेंऊँ  बाथ, बँधालै राखी ल्याई।
अगली राखी आउँ, देखबाँ  सूरति  भाई।
.               🌼  *4* 🌼
कुरबानी दे  देश  पै , रखै  तिरंगै   शान।
अपणो भी करतब बणै,रहै शहीदी मान।
रहै  शहीदी मान, व ई परिवार  सँभाला।
पूत गया परलोक, देश  री धरा रुखाला।
कहै लाल कविराय,शहीदी बात जुबानी।
राखो  उन के मान, शीश जे दे कुरबानी।
.                  🌼 *5*🌼
शहीद री  मैं भैण हूँ, राखूँ  धीरज धार।
बीरा  थारी याद  मैं ,राखी  बाँधू  च्यार।
राखी बांधू च्यार,देश हित मान बढाऊँ।
सेना,गंगा गाय , पेड़ हित नेह  लगाऊँ।
कहे लाल कविराय, भाई रामू व हमीद।
मौको आवै जाण,बीर हो जाऊं शहीद।
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🙏✍©
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा,दौसा,राज.
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""""""""''''""""""""""""राखी"""""""""""""""""""""

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