बेटी

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~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
.            🌹 *बेटी* 🌹
कुण्डलिया - छंद
.               🌼  *1* 🌼

बेटी जनमी  जिण घराँ,कुदरत रो वरदान।
पढ़ा लिखाअर् मान द्यो, पाछै  कन्यादान।
पाछै कन्या दान, देओ  सब मन सूँ  दुआ।
ईश्वर रा शुभ वरदान,जनम  बेटी रा हुआ।
कहे लाल कविराय,सुता सूँ मत कर हेठी।
दोनी कुल़ री  बात, आन मान  शान बेटी।

.              🌼  *2*  🌼

बेटी हो  बड़ भाग सूँ, समझै  धीर प्रमान।
अज्ञानी   समझै  नहीं , छाँव  रहै  अज्ञान।
छाँव   रहै  अज्ञान, पूत  कूँ  धरले   माथै।
अंत समय  पीछाण, रहैलो कुण रै  साथै।
कहे लाल कविराय,डरप मत खाली पेटी।
बेटी  नै सतकार ,गरब कर अपणी  बेटी।

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✍🙏©
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा 303326
जिला:--दौसा (राज.)
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