गुरू पच्चीसी

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दोहा~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
.                   गुरु पच्चीसी
.         💫 *शिक्षक दिवस*💫

1..💫💫
शिक्षक का आदर करो,गुरुजन पूजित होय।
प्रथम गुरु माता कहें, पितु भी गुरुपद जोय।।
2..💫💫
जो हमको  शिक्षा दिये, शिक्षक  गुरु समान।
उनको ही सादर नमों,तजि माया आभिमान।
3..💫💫
शिक्षा सतत अभ्यास है,जीवन भर चलि हेत।
जिनसे कुछ सीखें गुरू,परिजन प्रिये समेत।।
4..💫💫
गुरू  ब्रह्मा  महेश से, गुरू विष्णु सम पूज।
साँचे  गुरु  बिरले  मिले, जैसे  चंदा   दूज ।।
5..💫💫
गुरु जीवन संसार है, जीवन का सत सार।
मातु पिता तीजे गुरू,इन पर गुरुतम भार।।
6..💫💫
राधाकृष्णन जयन्ती,शिक्षक दिवस मनाय।
धन्य भाग ऐसे पुरुष, कभी धरा पर आय।।
7..💫💫
उप पद  पहले राष्ट्रपति, बने  हमारे देश।
राष्ट्रपती  दूजे  हुए , शिक्षा  के  परिवेश।।
8..💫💫
शिक्षक निर्माता कहे,देश व शिष्य सुजान।
इनके  ही  सम्मान सें ,मिले हमें  अरमान।।
9..💫💫
रीढ समाज की होत हैं,शिक्षक,और किसान।
जय जवान के साथ ही, बोलो  जय विज्ञान।।
10..💫💫
सबके  निर्माता  गुरू ,राजा रंक  जहान।
चेले भी शक्कर हुए, गुरु भी हुए महान।।
11..💫💫
रामलखन के गुरु बने,मुनिवशिष्ठमहाभागि।
रघुकुलकेकुलगुरु रहे,पूजित अबतकजागि।।
12..💫💫
विश्वामित्र  महामुनी ,वन   ले  गये   लिवाय।
रामलखन मख राखिके,जनकपुरी ले जाय।।
13..💫💫
वाल्मीकि  महा ज्ञान  के, विद्या  के  आगार।
सीत शरण,लवकुश पठन,रामायण रचिहार।।
14..💫💫
कृष्ण सुदामा अरु सखा,विद्या पढ़ने जाय।
गुरु संदीपन आश्रमे,गुरु जग नाथ पढ़ाय।।
15..💫💫
कौरव और पाण्डु भी, जग में नामी होय।
द्रोणाचारि गुरू बड़े ,अनुपम  विद्या सोय।।
16..💫💫
घटन हुई इकलव्य की, गुरु जनि द्रोणाचार्य।
दिए  अंगुठा दक्षिणा,नाम अमिट कुलआर्य।।
17..💫💫
मध्यकाल  में गुरु प्रथा, साँचे  संत निभाय।
नानक,कबिरा संत जन, तुलसी दादू आय।।
18..💫💫
राम दास गुरु की व्यथा, हरे शिवाजी वीर।
दूध  शेरनी  लाय  के, खूब दिखायो  धीर।।
19..💫💫
गुरू कृपा शिवराज को, संगहित जीजाबाइ।
क्षत्र पति महाराज बन, देश धर्म  हित भाइ।।
20..💫💫
मीरा और रैदास भी,सतजन गुरु पद पाय।
पीपा  नीमा   रामदे , लोक  देव  कहलाय।।
21..💫💫
राम कृष्णन परमहंस,सत गुरु दिव्य कहाय।
बालक  नरेन्द्र नाथ  को, विविकानंद बनाय।।
22..💫💫
स्वामी  दयानंद  रहे, सत जन गुरू महान।
आर्य समाजी पंथ है,अब भी चले जहान।।
23..💫💫
राजनीति में  भी हुये , गुरु पद  जिनने पाय।
चाणक्,तिलक,व गोखले,गाँधी नाम कमाय।।
24..💫💫
सबमिल गुरु को मानकरि,अंतर्मन सनमान।
बिना गुरू नुगरा हुवै, सतगुरु  ही  भगवान।।
25..💫💫
प्रभु से पहले गुरु नमः,हरि की रीत बताय।
शरमा बाबू लाल तो, गुरु को शीश  नवाय।।

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सादर✍
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा, दौसा,(राज.)
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