वरषा

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~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा

*मनहरण धनाक्षरी*
💫💫💫💫💫
वर्षा अति प्रिय लागे
मन  पंछी  सम भागे
रीत प्रीत की बाते हो
......पीर भूल जाइये।💫

खेत हो किसानी भी हो
बागों  में  बागवानी  हो
नित  नये   पौधै    रोपें
........सब मिल आइये💫

घन  तो  गरज रहे
दामिनी  दमक रहे
नाचते मयूर पाखी
..सखे गीत गाइये।💫

भूल जाओ बात सारी
प्रिय   गलती   हमारी
सावन   मिलन  मास
.....झूले मिल खाइये।💫

.      💫 💫💫
✍🙏©
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा,303326
दौसा,राजस्थान,9782924479
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