नव रात्रि

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~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
.      *नवरात्रि-कुंडलिया-छंद*
.                 🌼 *1* 🌼
भक्ति  शक्ति   स्रोत   है , शारदीय   नवरात।
नारी  शक्ति  उपासना, जग जननी  है  मात।
जग  जननी  है  मात, वन्दना  कर  नवराता।
सिद्ध होय शुभ काम,भाव भक्तिन का आता।
कहता कवि करजोरि,हो माता की अनुरक्ति।
सबको ही हो जाय,ज्ञान मान शक्ति व भक्ति।
.                 🌼 *2* 🌼
माता  की  भक्ति   करो , नवरात्रा   के  माय।
सुख समृद्धि भी मिले,धन दौलत मिल जाय।
धन  दौलत मिल जाय, होयगी  पूरी  आशा।
ऐसी  मांगो  शक्ति, मिटे मन  प्राण  पिपासा।
कहे लाल कविराय, पूज    कन्या  नवराता।
बेटी  का  हो  मान , मनेंगी  तब   ही  माता।
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✍🙏©
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा,दौसा,राजस्थान
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