नई उड़ान, नया आसमां

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~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
*नई उड़ान,*
          *नया आसमां*
.    🌹🌹ककुभ छंद🌹🌹
नई उड़ाने,नया आसमान,
सुधिजन रचनाकारों का। 
सबके सब मिलकर कर देंगे,
युग को नव आकारों का।
.             💫💫
चाहे जितनी  बाधा आए,
कवि का धर्म निभाना है।
नई सोच अरु नई उड़ाने,
नव पथ भी दिखलाना है।
.            💫💫
मुक्त परिंदे बन के हम तो,
नित नया आसमां नापें।
नई उड़ान भरेंगें मिलकर,
बाधाओं  से क्या काँपें।
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निज नीड़ों को क्यों भूले हम,
भारत की संस्कृतियों   को।
पश्चिम की आँधी को रोकें
मिलकर सब विकृतियों को।
.              💫💫
हिन्दी के हित  नई उड़ाने,
देश,धरा मानवता की।
नया आसमां हम विचरेंगे,
कविता गाने सविता की।
.            💫💫
एक सौ आठ बहन बन्धु है,
भारत की शान  बढ़ाएँ।
मातृभाष हिन्दी के पोषक।
हिन्दी  का  मान  बढ़ाएँ।
.           💫💫
नई उड़ाने,नया आसमान,
सुधिजन सब उपकारी है।
भिन्न भिन्न प्रांतों के कविजन,
मिलकर एकाकारी है।
.            💫💫
प्रजातंत्र स्तंभ  सदा  ही,
देता  नव पहचाने  है।
ऐसा प्यारा नया आसमां,
अपनी नई उड़ाने है।
.           💫💫
प्रजातंत्र  का मान रखेंगें,
कविताई  दीवाने है।
आओ देखें नया आसमां,
अपनी  नई उड़ाने है।

सादर🙏
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा 303326
दौसा,राजस्थान 9782924479
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