नई उड़ान....
. 🦅 *नई उड़ान*......🦅
. ककुभ छंद
. 🌹🌹
नई उड़ान नया आसमान,
यह तो अपना सपना है।
सपना जबहि गौर से देखा,
सारा भारत अपना है।
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साहित्य सदा सदा रहेगा
इस समाज की ज्योती है।
नई उड़ान..सुंदरमाल्य के,
हम भी सच्चे मोती हैं।
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हर मोती की कीमत होती,
सच ही यह सच्चाई है।
सब मिल जाते माला होती,
अच्छी यह अच्छाई है।।
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बनकर अच्छे मीत प्रलेखूँ
सुन्दर माला का मोती।
जनगणमन की पीर लिखूँ जो,
भारत माता को होती।
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नई उड़ान,नया आसमान,
नया कीर्तिमान रचेगा।
कवि कलम मुखरित हो जाए,
फिर नव साहित्य सजेगा।।
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🙏✍©
बाबू लाल शर्मा,"बौहरा"
सिकंदरा,दौसा,राज.
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