विजय
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~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
. 🌼 *कुण्डलिया छंद* 🌼
. 👍 *विजय* 👍
. 👀👀👀 *नीति* 👀👀👀👀
जग में जय या हार का, होता अन्तर्द्वन्द।
इनसे जो ऊपर उठा , उसे कहो निर्द्वन्द।
उसे कहो निर्द्वन्द, विजय जो मन पर पावे।
विजय कहें ये मान, जीत आवगुण को जावे।
कहे लाल कविराय, पड़े बाधा यह मग में।
करते युद्ध विनाश ,बने घातक इस जग में।
. 👀👀 *विजय हल्दीघाटी*👀👀
जीता चेतक प्राण तज,विजय प्रतापी आन।
विजित अकबरी सैन्य थी,हार गया था मान।
हार गया था मान, मुगलिया मद सत्ता का।
भूले लोहा याद, भला जय मल पत्ता का।
कहे लाल कविराय , वंश मुगलों का रीता।
राणा आन महान, शान से अब भी जीता।
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✍✍©
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा, दौसा,राजस्थान
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