शिष्टाचार
👀👀👀👀👀👀👀
. कुण्डलिया छंद
. """"""'''''''"""""""""
. *शिष्टाचार*
चलना सच के पंथ पर,
सदाचार की रीत।
कहते शिष्टाचार हैं,
सर्व सनेही प्रीत।
सर्व सनेही प्रीत,
निभे ईमान हमारा।
रखने ऐसे भाव,
वतन है अपना सारा।
कहे लाल कविराय,
नहीं कर्मो से टलना।
निभता शिष्टाचार,
सदा जनहित में चलना।
सादर समीक्षार्थ 🙏
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा,303326
दौसा,राजस्थान,9782924479
👀👀👀👀👀👀
Comments
Post a Comment