आज लेखनी....रुकने मत दो
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~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
🌹 *कामना* 🌹
. *लावणी छंद*
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परमेश्वर जादूगर होता,
मानव बस कठपुतली है।
पर कुछ मानव ऐसें है जो,
ईश नयन की पुतली है।
बोधन भाई सबको प्यारे,
साहित राज दुलारे हैं।
विपदाओं से कर संघर्षण,
आपद से कब हारे हैं।
सत ईमानी कर्मठ लेखक,
छंदकार माने कवि हैं।
निज भाषा अरु हिन्दी भाषा,
दोहो के सच मे रवि है।
मित भाषी हैं बहुकाजी है।
श्रमी और उत्साहित है।
कभी शिकायत करे नहीं जो,
चाहे तन से बाधित है।
अभिशापों को हँसकर झेले,
बदल लिया वरदानो में।
विद्या दान करे जो नित ही,
मान मिले अनजानो में।
ऐसे जन के शुभ जीवन की,
शुभ इच्छा मैं करता हूँ।
अनुज सरीखा मानू जिनको,
भावों में नित मिलता हूँ।
आशीषों की झड़ी लगादूँ,
ऐसे सत इंसान जहाँ।
श्रम शक्ति जो करे भरोसा,
मिलता है ईमान कहाँ।
दीर्घ आयु की करूँ कामना,
साहित हिन्दी के हित में।
स्वस्थ रहे तन मन से भाई,
घर परिवार रहे चित में।
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सादर,शुभेच्छु
बाबू लाल शर्मा,"बौहरा"
सिकंदरा,303326
दौसा,राजस्थान,9782924479
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