मनहरण घनाक्षरी छंद विधान
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~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
*मनहरण घनाक्षरी छंद विधान*
८, ८,
८, ७ वर्ण
आठ,आठ,
आठ,सात । वर्ण
संयुक्त वर्ण एक ही माना जाता है।
कुल ३१वर्ण, १६, १५, पर यति हो,( , )
पदांत गुरु(२) अनिवार्य है,
चार पद सम तुकांत हो,
चार पदों का एक छंद कहलाता है।
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. *होली*
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रूप रंग वेष भूषा, भिन्न राज्य और भाषा,
११ ११ ११ ११, ११ ११ ११ ११
देश हित वीर वर, बोल भिन्न बोलियाँ।
११ ११ ११ ११, ११ ११ १११
सीमा पर रंग सजे, युद्ध जैसे शंख बजे,
११ ११ ११ ११, ११ ११ ११ ११
ढूँढ ढूँढ दुष्ट मारे, सैनिको की टोलियाँ।
११ ११ ११ ११, १११ १ १११
भारतीय जन वीर, धारते है खूब धीर,
११११ ११ ११, १११ १ ११ ११
मारते है शत्रुओं को ,झेलते हैं गोलियाँ।
१११ १ १११ १, १११ १ १११
फाग गीत मय चंग ,खेलते हैं सब रंग,
११ ११ ११ ११, १११ १ ११ ११,
देश हित खेलते हैं, खून से भी होलियाँ।
११ ११ १११ १, ११ १ १ १११
इस प्रकार आप अभ्यास से सीख सकते हैं।
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✍©
बाबू लाल शर्मा °बौहरा"
सिकंदरा,दौसा,राजस्थान
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