सुन्दर पावन धरा भारती
👀👀👀👀👀👀👀
~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
*सुन्दर पावन धरा भारती*
(१६,१४ मात्रिक लावणी छंद)
. ●◆●
जहाँ वतन हो प्राण से प्यारा,
● कफन तिरंगा चाहत है।
जगत गुरू की पदवी वाला,
● स्वर्ण पखेरू भारत है।
ज्ञान धर्म संदेश अहिंसा,
● दूर देश तक जाता है।
सुन्दर पावन धरा भारती,
● वीर सपूती माता है।
आओ साथी वंदन करलें,
● भारत की इस माटी का।
देश धरा पर प्राण समर्पित,
● करती मन परिपाटी का।
इंकलाब के गीत जहाँ पर,
● बच्चा बच्चा गाता है।
सुन्दर पावन धरा भारती,
● वीर सपूती माता है।
सूरज पहले किरणे देता,
● मातुल चन्द्र चमकता है।
देश प्रेम मे भरकर सबका,
● यौवन तेज दमकता है।
दिशा दिखाने ध्रुव तारा भी,
● उत्तर नभ में आता है।
सुन्दर पावन धरा भारती,
● वीर सपूती माता है।
सागर चरण वंदना करता,
● पल पल धोता चरणों को।
पावन नदियाँ याद दिलाती,
● मानव शुभ आचरणों को।
धरती गौ नदियों से अपना,
● माँ से बढ़कर नाता है।
सुंदर पावन धरा भारती,
● वीर सपूती माता है।
जिस रज को हम चंदन माने,
● पूजें पर्वत जलधर को।
अनदाता हम कह सम्माने,
● भारत के प्रिय हलधर को।
वरुण देव की कृपा जहाँ पर,
● इन्द्र मेघ बरसाता है।
सुन्दर पावन धरा भारती,
● वीर सपूती माता है।
वन वृक्षों का आदर करते,
● सब जीवों में रब मानें।
संसकार मर्यादा अपने,
● कर्तव्यों को पहचाने।
संविधान का मान यहाँ पर,
● हर अधिकार दिलाता है।
सुन्दर पावन धरा भारती,
● वीर सपूती माता है।
वीर नहीं खोते है धीरज,
● रिपुदल से नहीं घबराते।
भरत सरीखे बच्चे इसके,
● शेरों से भी भिड़ जाते।
इस पावन भू पर हर कोई,
● सच्चा आदर पाता है।
सुन्दर पावन धरा भारती,
● वीर सपूती माता है।
देवों को भी खूब सुहाई, ,
● भरतखण्ड की यह धरती।
आती यहाँ अप्सरा रहने,
● रूप सुहागिन का रखती।
परमेश्वर अवतार लिए तब,
● इसी भूमि पर आता है।
सुंदर पावन धरा भारती,
. ● वीर सपूती माता है।
. 👀👀
✍©
बाबू लाल शर्मा,"बौहरा"
सिकंदरा,303326
दौसा,राजस्थान,9782924479
👀👀👀👀👀👀👀
Comments
Post a Comment