मतदान
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~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशरमा
*दोहा छंद :- मतदान*
1.✍
हार जीत के लग रहे, जहाँ, तहाँ अनुमान।
मन से कर मतदान तू, लोकतंत्र सम्मान।।
2.✍
जनता के आशीष से, जनमत की सरकार।
जागरूक मतदान हो, फैले नहीं विकार।।
3.✍
जनमत का आदर करे, नेता होय सुजान।
बिना लोभ सद्भाव से, कर देना मतदान।।
4.✍
बहुत कीमती वोट है, सोच समझ कर दान।
परचम पहरे जीत का, वोट वोट का मान।।
5.✍
दल भी चिंतन कर रहे, मिले जिताऊ लोग।
चिंतन कर मतदान कर, तभी मिटे भव रोग।।
6.✍
राजनीति के खेल में, लोकतंत्र वरदान।
लोकतंत्र के हित करो, सभी लोग मतदान।।
7.✍
श्वेत वसन धारण करे, तुलसी माला कंठ।
विषय भोग में डूबते, कुछ नेता आकंठ।।
8.✍
मतदाता कुछ सोचते, नोटा एक प्रयोग।
खारिज सबको कर रहे, राजनीति संयोग।।
9.✍
झंझावत भी झेलते, होते लोक चुनाव।
बागी रूठे दलों से, उनके चले मनाव।।
10.✍
स्वस्थ बने सरकार भी, करना एक उपाय।
सबको ही जागृत करो, मत देने को जाय।।
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✍©
बाबू लाल शर्मा, बौहरा
सिकंदरा, दौसा,राजस्थान
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