नई उड़ान
👀👀👀👀👀👀👀
~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
. *मुक्तक छंद (३० मात्रिक)*
. 🦅 *नई उड़ान* 🦅
. ...👀🌹👀...
. ✍
बहुत दिनों के बाद आज फिर,
लिखने का मन करता है।
जीत हार की बाते करतें,
अब भी मन डर छलता है।
जीत नहीं यह मोदी की है,
न हीं कमल निसान की।
देश विदेशी गत घावों को,
मत का मल्हम भरता है।
. ✍✍
जीत किसी की नहीं जीत यह,
भारत के मतदाता की।
लोकतंत्र के रक्षक जन की,
भारत भाग्य विधाता की।
बंदरबाँट रिवाजें तोड़ी,
स्वस्थ परंपरा अजमाई।
श्रम सेवा की जीत मान लो,
सैनिक व अन्नदाता की।
. ✍✍✍
विश्व दौड़ में भारत है अब,
चाहत दृढ़ सरकार थी।
जन गण मन की यही भावना,
करनी अभी साकार थी।
राष्ट्रवाद की पीकर हाला,
उन्नत पथ पर बढ़ना है।
समय चूक पछताना पड़ता,
इसीलिए दरकार थी।
. ✍✍✍✍
इसीलिए जनमत जीता है,
अब कुछ नव आगाज करो।
आतंकी ताकत को तोड़ो,
जन जीवन आबाद करो।
बढ़े दीप्ति अपने भारत की,
धूप-छाँव सब सह लेंगे।
दल दलदल से ऊपर उठकर,
मिलकर नई उड़ान भरो।
. 👀🌞👀
✍©
*बाबू लाल शर्मा, बौहरा*
*सिकंदरा,303326*
दौसा,राजस्थान, 9782924479
👀👀👀👀👀👀👀
Comments
Post a Comment