तिरंगा

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~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
.                  *कुण्डलिया छंद*
.                    🇮🇳 *तिरंगा* 🇮🇳

भारत वतन  महान है, विश्व गुरू  पहचान।
लोकतंत्र  सबसे  बड़ा, सोन  चिरैया  मान।
सोन  चिरैया  मान, बहे  नद  पावन  गंगा।
जन गण मन अरमान,रहे बस शान तिरंगा।
कहे "लाल" कविराय,बचे यह धरा अमानत।
वतन शान  कश्मीर, तिरंगा अपना  भारत।
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आजादी, महँगी  मिली, हुए लाल  कुर्बान।
राज फिरंगी देश में,जन गण मन अपमान।
जन गण मन अपमान, रहे  अंग्रेजी  चंगा।
बलिदानों की बाढ़, लिये  हर हाथ  तिरंगा।
कहे लाल कविराय, हुई  जागृत  आबादी।
छिड़ी तिरंगे तान,मिली तब यह आजादी।
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✍©
*बाबू लाल शर्मा, बौहरा*
*सिकंदरा, दौसा,राजस्थान*
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