सावन
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~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
. 💦💧 *सावन* 💧💦
. (चौपाई छंद)
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सावन मास पुनीत सुहावे।
मोर पपीहा दादुर गावे।।
श्याम घटा नभ में घिर आती।
रिमझिम रिमझिम वर्षा भाती।।१
आक विल्व जल कनक चढ़ाकर।
शिव अभिषेक करे जन आकर।।
झूले पींग चढ़े सुकुमारी।
याद रहे मन कृष्ण मुरारी।।२
हर्षित कृषक खेत लख फसले।
उपवन फूल पौध मय गमले।।
नाग पंचमी पर्व मनाते।
पौराणिक दृष्टांत बताते।।३
सर सरिता वन बाग तलाई।
नीर भार खुशहाली आई।।
प्रियतम से मिलने के अवसर।
जड़ चेतन सब होय अग्रसर।।४
कीट पतंग जीव खग नाना।
पावस ऋतु जन्मे जग जाना।
सावन पावन वर सुखदाई।
भक्ति शक्ति अरु प्रीत मिताई।।५
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✍©
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा,303326
दौसा,राजस्थान,9782924479
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