चौपाई छंद विधान

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~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
✨✨✨ *चौपाई छंद विधान* ✨✨
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चौपाई सममात्रिक छंद है।
इसमें चार चरण होते हैं।
प्रत्येक चरण में १६,१६ मात्राएँ होती हैं।
चरणान्त २२  हो
२२ के विकल्प में ११२, २११,११११ भी मान्य है।
चरणांत में गुरु के बाद लघु (२१) न हो।
कल संयोजन का ध्यान रखें।
*उदाहरण..*
ईश   मनुज  धन  सत्ता  नारी।
२१   १११   ११   २२   २२
शक्ति  सुरा  बहु रूप पुजारी।।
२१     १२  ११  २१   १२२
कविजन लिखे  प्रेम के सागर।
११११    १२    २१  २   २११
प्रेम उलीचे  भरि भरि  गागर।।१
२१   १२२  ११  ११   २११
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👆इस प्रकार से....✍ लिखें।
छंद में लय गति का ध्यान रहे।
गाते, गुन गुनाते हुए लिखते रहें। जिससे लय बाधा नहीं रहे। लय बाधा हो तो सुधार व बदलाव करें। जिससे छंद सरस एवं गेय बनेगा।
.      🙏सादर शुभकामनाएं🙏
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✍©
बाबू लाल शर्मा, बौहरा
सिकंदरा,दौसा,राजस्थान
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