गोबरधन
🐄🐑🐃🐄🐇🐃🐄🐇🐐🐄
~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
. 🌞 *गोबरधन*🌞
. कुण्डलिया-छंद
🌞💫🌞💫🌞💫🌞💫🌞💫
गोवर्धन पूजा करे, सब मिलकर के आज।
गोधन,पशुधन,रक्षिए, खेत किसानी काज।
खेत किसानी काज, कृष्ण गोवर्धन धारे।
करी सुरक्षा मेह , इन्द्र जब बरसे भारे।
सैनिक खेत किसान, हमे प्यारा हो गोधन।
पशुधन को दें मान, करें पूजा गोवर्धन।
🌞💫🌞💫🌞💫🌞💫🌞💫
दाल चूरमा बाटियाँ, गोबरधन त्यौहार।
बने सवाया भोज है, सधे सभी व्यवहार।
सधे सभी व्यवहार,भोगअनकुट का खाते।
मिले बाँट जो खाय, परम पद वे ही पाते।
राजा हो या रंक, नारि हो वृद्ध या बाल।
दीन गरीबी बैर, गले न फिर कोई दाल।
💫🌞💫🌞💫🌞💫🌞💫🌞
गोधन के मेंहदी लगा,करिये खूब सिंगार।
चारा पानी दीजिए, करिये प्यार दुलार।
करिए प्यार दुलार, रीढ़ है यही हमारी।
पशुधन के सम्मान, टिकी है खेती सारी।
हैं दातार किसान, मनालो सब गोवर्धन।
दूध दही की नद्य, बहेगी पूजे गोधन।
🌞💫🌞💫🌞💫🌞💫🌞💫
खुशियाँ हो हर वर्ग को, ऐसा है त्यौहार।
बचती बहुत मिठाइयाँ, बचे पटाखे चार।
बचे पटाखे चार, बाँट कर ऐसे खेलें।
मिटे विषमता बैर, लगे खुशियों के मेले।
शर्मा बाबू लाल , किसानी पूजो हँसियाँ।
सृजिए ऐसे साज, ईश जन पावें खुशियाँ।
💫🌞💫🌞💫🌞💫🌞💫🌞
पर्व कृषक का आज है, कृष्ण संग गोपाल।
सारे भारतवर्ष में , धरा पूत महि पाल।
धरा पूत महि पाल, मिले गोधन को चारा।
धानी चूनर होय, धरा खुश पशु धन सारा।
खूब मने त्यौहार, नहीं हो पर्व कसक का।
खुशियाँ मिले अपार,मने यों पर्व कृषक का।
💫🌞💫🌞💫🌞💫🌞💫
🐐🐄🐑🐃🐐🐄🐐🐑🐐
http://hindibhashaa.com/साहित्यकार-बाबू-लाल-शर्म/
✍©
बाबू लाल शर्मा,बौहरा
सिकंदरा,दौसा, राजस्थान
🌳🐑🌎🌳🐑🌎🐑🌎🌳🌎
Comments
Post a Comment