विशिष्ट - कुण्डलिया छंद
👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀 ~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा . *विशिष्ट- कुण्डलिया छंद* . 👀👀👀 . १. *वेणी* मिलती संगम में सरित, कहें त्रिवेणी धाम! तीन भाग कर गूँथ लें, कुंतल वेणी बाम! कुंतल वेणी बाम, सजाए नारि सयानी! नागिन सी लहराय, देख मन चले जवानी! कहे लाल कविराय, नारि इठलाती चलती! कटि पर वेणी साज, धरा पर सरिता मिलती! . 🤷🏻♀🤷🏻♀ . २. *कुमकुम* माता पूजित भारती , अपना हिन्दुस्तान! समर क्षेत्र पूजित सभी, उनको तीरथ मान! उनको तीरथ मान, देश हित शीश चढ़ाया! धरा रंग कर लाल, मात का मान बढ़ाया! शर्मा बाबू लाल , भाल पर तिलक लगाता! रजकण कुमक...