बुरा भले ही मानिए

*बुरा मानिए होली है*
🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞🌞
~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा,विज्ञ
.                   🌼 *दोहा छंद* 🌼
.            🦢 *बुरा भले ही मानिए*  🦢
.                        👀👀👀
*हे प्रभु उनको ज्ञान दो, जो ज्ञानी घनघोर।*
*स्वयं अल्पज्ञानी भले, रहलें  अंतिम छोर।।*

*धन उनको प्रभु दीजिए, बने हुए धनवान।*
*मैं तो निर्धन ही भला, मिले पाव भर धान।।*

*जीभ चटोरे  लोक को, देना छप्पन भोग।*
*हे  प्रभु दे  देना मुझे, देश भक्ति का रोग।।*

*तन बल ईश्वर  दें उन्हे, जो बनते बलबीर।*
*हम तो बस सहते  रहें, दे  देना कुछ धीर।।*

*रूप उन्हें दे दीजिए, जो  रँगते नित केश।*
*मुझे  चाहिए  साधना, और फकीरी वेश।।*

*होली के हुड़दंग  दे, जो  जन सर्व प्रवीण।*
*मुझे  बचाना  साँवरे, ढलती  काया क्षीण।।*

*वक्ता उन्हें  बनाइए, करते बक बक लोग।*
*मुझको  दे  दातार तो, मौन  दीजिए योग।।*

*देना प्रभु सम्मान तो, जिनको है अभिमान।*
*सत्साहित्यिक छंद का, देना सृजन विधान।।*

*सात  रंग  देना  उन्हे,  जो   मानस  रंगीन।*
*शब्द शक्ति का ढंग दे, मुझको रंग विहीन।।*

*बुरा  भले ही मानिए, या खुश होना आप।*
*शर्मा  बाबू  लाल  को, रहे  न  मन संताप।।*
.                       🌞🌞🌞
✍©
*बाबू लाल शर्मा, बौहरा, विज्ञ*
*सिकंदरा, दौसा, राजस्थान*
👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀👀

Comments

Popular posts from this blog

सुख,सुखी सवैया

गगनांगना छंद विधान