तुम ऐश करो...

🦅निजमत🦅
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             तुम *ऐश* करो

              मुझे *जलने* दो     
                    (गद्य)
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*ऐश* पंथी या ऐश पार्टी के लोग.. कुछ ऐसे भी...लोग.
.होते है..जो किसी की
नही मानते...😆
           .............
ऐश..0
इतिहास, कथा कहानियां,
उद्धरण,प्रसंग और बड़े बुजुर्गों
की बाते इसलिये मानी जाती है
कि वे जीवन के
सत्यशोधित सूत्र है।
वरना हर काम ,हर बात,
हर प्रकरण को कर के
ठुकराने ,सीखने मे जीवन
की आयु पर्याप्त
नहीं होती।
फिर भी परीक्षण के तौर पर
करके सीखने में
कोई बुराई नहीं है
पर सीखना शुरु कर देखो
रोटी से.
... क्यो ,कैसे , छोड़ो।
तलाश करो न
विकल्प
फिर सफलता मिलती
जाए त्यो त्यो बढ़ते रहो .....
ईश्वर आपका भला करे।

ऐश..1
मानस की चौपाईःः "चहत उड़ावन फूँक पहारू पंथी"

रजाई के अंदर फोन चलाकर चेतावनी भरे videos से पाक तो क्या चीन अमरीका तक का नामोनिशान मिटाने वाले(मै भी)
हे वाट्सएप...वीरों ....
हे कागजी शेरों ....
हे पृथ्वी के ऐलियनो...
तुम्हारा कल्याण हो भाई।
तुम्हे नवयुग के अवतार
घोषित होने से कौन
रोक पाएगा।
पर रोटी कपडे पहले
इजाद करना पुराने
ढर्रे को छोड़ो भाई
तब तक .....परन्तु
.........बिना रोटी...बिना कपड़े.....
बचके रहना रे बाबा ।।

खैर ।।।

ऐश...2
एक विचारधारा के लोग
जिन्हे चार्वाकी कह सकते है
वे सिर्फ अच्छा ,मीठा,
घी,
खाने पर ध्यान देते है,
हालाँकि वे ताउम्र
रेस्टोरेंट के
वेटर्स व मैरिज
हाल के कैटर्स से
अधिक व अच्छा
नहीं खा पाते और
इसी मलाल मे वे
कभी अखाड़े में
पहलवानी
करते नहीं देखे जा सकते ।
हाँ कुछ मीठी बीमारियां
अवश्य पाल लेते है वे
स्वादवीर।

ऐश..3
और एक विचारधारा
पर चिंतन करे...ये लोग
फैशनवीर कहलाते है
महँगे ब्राण्डेड ,फैशनेबल
वस्त्र धारण करके ये
अपने ढांचे को छुपाकर
V...vvip बने फिरते है ।
पर मलाल व अफसोस
मे जीते है वे क्योंकि
फैशंनपोइंट के पुतले
उनसे कीमती व सुन्दर
फैशंनेबल कपड़े पहने
खड़े रहते है।
मुझे तो अफसोस तब
होता है जब न तो उन्हे
बालीवुड ,हालीवुड का
कोई बुलावा आता है
और न ही उन्हे ब्राण्डेड
कफन मिलने की
संभावना होती है ।
ब्राण्डेड कफन ....
चौंकिए
मत ...होती है ...ब्राण्डेड...।
पर वो नसीब होती है
नसीब वालों को।
देश के लिए जीने...
मरने वालों को ,
शहीदों
को,बहादुर  सैनिकों
को,
लोकतंत्र के प्रहरियों
को।
"प्यारा तिरंगा "
खैर....
जितना सोचो उतना उलझो
इससे अच्छा है
"सादा जीवन उच्च विचार"
रखते हुए अपने
"दायित्व" निभाते रहो
भैया ।बस....बस....चुप...
सब को समझाने
की मुझे पगार नही
  मिल रही😇

उनकी की बाद मे सोचेंगे।
छुट्टियां पूरी हो गई भाई पहले नौकरी की सोचेंगे।तब तक आप मेरी गलतियां गिन गिन कर माफ करते रहना plz
🤣😋😋🤥
सादर,🙏🏻
बाबूलाल शर्मा
सिकन्दरा

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