शीशपटल

🌾🌿🌾🌿🌾🌿🌾🌿🌾🌿
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बाबू लाल शर्मा©
"""'"""""""""""""""""'""
.      *आप बीती,जग बीती*
.        """"""""""""""""""
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹

शीश महल की बात पुरानी किस्से अन जाने
हम भी शहंशाह है,बंधु शीशपटल के दीवाने

आभासी रिश्तों के  कायल कविताई  मस्ताने
कर्म विमुख साधु सा जीवन व्याकरणी पैमाने

कुछ तो नभमंडल से तारे या मुझसे घसियारे
काम छोड़ कविताई करते दुखी भये घर वारे

संचालक मंडल में रहूँतो जाने माने वारे न्यारे
मुखिया बनूं शक्तिमान सा चाहे तारे चाहें मारे

मैं भी शीशपटल सत्संगी तुम भी संग सयाने
पंख हीन बिन दीपक जलते हम ऐसे परवाने

सुप्रभात से शुभरात्रि  शीशपटल पर रहता हूँ
घर वाली मारे  ताने  सारे जाने माने सहता हूँ

नदिया मे बुंदिया जैसे कल्प लोक में बहता हूँ
मनो भाव ऐसे रहते मैं शीश महल में रहता हूँ

कभी इस पटल  कभी उस पटल मंडराता हूँ
संदेशे  पढ़  पढ़ कर  मै भँवरे सा भरमाता हूँ

चैन पटल बिन नहीं पड़ता,पटलों पर बेचैन हूँ
नैन पटल में क्या ढूँढे,लागे घर में बिना नैन हूँ

.  🌹 🌹 🌹 🌹  🌹 🌹 🌹 🌹

बाबू लाल शर्मा "बौहरा
सिकंदरा,दौसा(राज.)
🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳

Comments

Popular posts from this blog

सुख,सुखी सवैया

गगनांगना छंद विधान

विज्ञ छंद सागर