सच्चा क्रोध करें...

🌾🌿🌾🌿🌾

*सच्चा क्रोध करें*
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
बाबूलाल शर्मा©
"""""""""""""""""""""

क्रोध  समय पर  करते है
तो राहू  केतु कट  जाते है
देवों को अमृत  मिलता है
शिव नीलकंठ बन जाते हैं👆

क्रोध समय पर करते है
खर  दूषण मारे  जाते हैं
क्रुद्ध जटायू   अमर बने
बाली  भी  मारे  जाते है👆

क्रोध समय पर करते है
तब  सागर  तारे  जाते है
होता लंका  का दर्प चूर्ण
रावण   से  मारे  जाते है👆

क्रोध  समय पर  करते तो
महमूद भी बचकर न जाता
गजनी, तुर्की तक हम होते
गौरी भी दुबारा नहीं आता👆

क्रोध समय पर कर ते तो
खिलजी का राज नहीं चलता
रजिया,बलबन की हस्ती क्या
बाबर  का  वंश नहीं चलता👆

क्रोध समय पर करते तो
नादिर, तैमूर  नहीं  बचते
तुर्क,फ्रासिसी और विदेशी
क्लाइव,कर्जन नही जमते👆

क्रोध समय पर करते तो
वे राज फिरंगी नहीं  होते
मातृभूमि परतंत्र न  होती
भारत के लाल नहीं सोते👆

क्रोध समय पर करते तो
कश्मीरी पंडित नहीं भगते
हम सवा अरब   सेनानी हैं
आतंक पड़ौसी क्या करते👆

जब शकुनि दाँव खेलते हो
वे  धर्मराज  को  ठगते  हो
दुशासन  दुष्ट  बने   फिरते
पांचाली  चीर  हरण  होते👆

वे धीर वीरजन तुम ही तो थे
सब मौन साध चुप ही तो थे👆

पर   शिशुपाल   मदमाते हो
जब  सौ  गाली दे   जाते हो
तब क्यों न कृष्ण का धैर्य छँटे
क्यों न शिशुपाल का शीश कटे👆

हम  इतिहासों  का  शोध करें
तो क्यों न समय पर क्रोध करें👆

क्रोध समय पर नहीं करते
तब   महाभारत  रच  जाते है
सब शांति प्रयास विफल होते
रण  के  बाजे  बज   जाते है👆

तब कान्हा गीता गाते है
वे रण  का नाद सुनाते है
अर्जुन  गांडीव  उठाते  है
सब कर हथियार सुहाते है👆

भाई के भाई  दुश्मन हो
लाखों योद्धा मर जाते है
कौऐ स्वान  लाश नोचते
गीदड़  त्यौहार मनाते है👆

चहुँ ओर   विनाशक  बोध करे
तो क्यो न समय पर क्रोध करे👆

जब नन्द वंश के वैभव से
उस अत्याचारी  शासन से
उस महा सिकन्दर सेना से
पोरस  राजा की  दृढता से👆

आम्भि नरेश  कुटिलता से
अपनी ही कथित संपदा से
सैल्यूकस   की  क्षमता  से
भारत में  आई  विपदा  से👆

यह भरत खण्ड विखण्ड करे
तब क्यो न फिर भी क्रोध करे?
चाणक्य  कहाँ तक   सहन करे
क्यो न चल चन्द्र की खोज करे👆

उस नंद वंश का नाश करे
अखण्ड  देश विधान  करे
वो  सैल्यूकस का मान हरे
तब अर्थशास्त्र का गान करे👆

चाणक्य शिखा तब खुलती है 
जब  जब  मनमानी खलती है
जब जन मन तान बिगड़ती है
जब  माँ  भारती  मचलती है👆

जब अंग्रेज़ी फरमानो से
उनके बढते अत्याचारों से
भारत माँ का अपमान लगे
जन जन क्रांति पैगाम जगे👆

घर घर स्वराज का शोर जगे
तो क्यों न किसी का क्रोध जगे
मंगल  पाण्डे  क्यूँ  मौन बनें
क्यों न क्रांति का बिगुल बने👆

ताँत्या टोपे  दम  भरते हों
जब जुल्म फिरंगी करते हों
जब रणचण्डी रण मत्त लगे
तो क्यों न किसी का क्रोध जगे👆

अंग्रेज़ी बंदिश खलती हो
देशी  रजवाड़  सिसकती हो
जब  भगत सिंह उद्घोष करे
तो क्यों न भारती क्रोध करें👆

जब  'इंकलाब'  उद्घोष  करे
सेनानी  सब मिल जोर  करे
तब  भी क्यूँ  कोई मौन  धरे
तब उठकर सच्चा क्रोध करे👆

फाँसी   चूमे,  बलिदान  करें
पर देश को हम आजाद करे
क्रोधित  हो  जिन्दाबाद करे
इस देश को हम आबाद करें👆

*वर्तमान  समय मेः*........
जब बेरोजगारी बढ़ती हो
सरकारें कुछ नहीं करती हो
जब,जब परिवार बिखरते हों
जब सद्व्यवहार सिमटते हो👆

जब  आतंकी    धमकाते हो
जब नेता   ही भरमाते     हो
नित  नव  घोटाले  करते  हो
जब जब मजदूर विलखते हो👆

जब दीन किसान कलपते हों
जब  बाड़ खेत  को खाते हो
दिल में  तूफान न   थमते हों
जन मानस द्रोह मचलते हो👆

फिर  क्यों न मन  विद्रोह जगे
तो क्यों न किसी का क्रोध जगे👆

पर "शिखा नहीं कौटिल्य नहीं"
अब कृष्ण नहीं, गांडीव नहीं
अब तिलक गोखले धीर नहीं
शेखर  सुभाष  से वीर नहीं👆

जब न्याय ही दंडित होता हो
जब क्रोध ही कुंठित होता हो
निर्धनता   भारी  बोझ   लगे
तब  बैठ  बिठाए क्रोध जगे👆

तब हँस हँस के हम ताली दें?
या  इक दूजे   को गाली दें?
या  क्रोधित  होना बंद करे?
या अपनी आवाज बुलंद करें?👆

तब सब मिलकर विद्रोह करें
तब मिलकर सच्चा क्रोध करें👆

सादर🙏🏻
*बाबू लाल शर्मा*
सिकन्दरा,दौसा
©
🌳🌳🌳🌳🌳
"""""""""""""""""""""""""

Comments

Popular posts from this blog

सुख,सुखी सवैया

गगनांगना छंद विधान

विज्ञ छंद सागर