मात शारदे...

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*मात् शारदे...*
स्तुति
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🙏🏻
मात् शारदे सबको वर दे,
तम हर ज्योतिर् ग्यान  दें।
शिक्षा से ही जीवन सुधरे,
ज्ञान    मान    सम्मान दे।

🙏🏻
चले लेखनी सरस हमारी,
ब्रह्म सुता अभि नंंदन  में।
सैनिक,कृषक,श्रमी,नारी,
और मानवता के वंदन में।

🙏🏻
उठा लेखनी, ऐसा रच दें,
सारे  काज  सँवर  जाए।
संस्कार   मरयादा  वाली ,
प्रीत की रीत निखर जाए।

🙏🏻
पकड़ लेखनी मेरे कर में,
ऐसा  गीत  लिखा दे  माँ।
निर्धन,निर्बल,लाचारों को,
सक्षमता  दिलवा  दे  माँ।

🙏🏻
जयजवान,जयकिसान का,
अमर त्याग लिखवा दे माँ।
मेहनत कश व मजदूरों का,
स्वर्णिम यश लिखवादे माँ।

🙏🏻
शिक्षक और लेखकों को ,
गुरु का मान दिला दे  माँ।
मानवता से भटके मनुको,
मनु की प्रीत सिखा दे माँ।

🙏🏻
हर मानव मे मानवता के,
सच्चे  भाव  जगा दे  माँ।
देश धरा पर बलिदानों के,
स्वर्णिमअंक लिखा दे माँ।

🙏🏻
शब्द पुष्प चुनचुन कर मैं,
शब्द  माल में  जोड़ू   माँ।
भाव,सुगंध आप भर देना,
मै तो दो 'कर' जोड़ूँ   माँ।

🙏🏻
मातुकृपा से हर मानव को,
मानव  की  सुधि आ जाए।
मानवता  का दीप जले माँ,
जनगणमन की पीड़ा गाएँ।

🙏🏻
कलम मेरी,तलवार बनादो,
क्रूर  कुटिलता  कटवा दो।
तीखे शब्द बाण  से माता,
तिमिर कलुषता मिटवादो।
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सादर🙏🏻,
*बाबू लाल शर्मा*
सिकंदरा,दौसा
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