दोषी
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""""""""""""बाबूलालशर्मा
🐞 *दोषी* 🐞
सामाजिक ताने बाने में,
पिसती सदा बेटियां क्यों?
हे परमेश्वर कारण क्या है,
लुटती सदा बेटियां क्यों?🤷♀
मात पिता पद पूज्य बने हैं,
बेटों को क्या सीख सिखाते?
जिनके सुत मर्याद भूलकर,
बहिन-बेटियाँ रहे सताते।🤷♀
दोषी बेटे है यह तो तय है,
पर मात-पिता सच,दोषी है,
बेटों को सिर नाक चढ़ाया,
अब वे ही बेटे मदहोंशी है।🤷♀
बेटी को दोयम दर्जा देकर,
सतत क्षीण बनाकर रखते।
बेटों के फरमान सींच कर,
समशेर उन्हे बनाकर सहते।🤷♀
बेटे-बेटी के पालन पोषण,
में यह अलगाव ही दोषी है।
जिनके औलाद निकम्मी है,
वे मात-पिता सच दोषी है।🤷♀
दुष्कर्मी बेटों को दंड मिले,
यह तो नितांत मजबूरी है।
मात-पिता को सजा मिले,
लगता अब बहुत जरूरी है।🤷♀
बिटिया का सम्मान करें हम,
यही,नैतिकता,जिम्मेदारी है।
मजहब-जाति से परे बेटियां,
पूज्या,जननी,नर-महतारी है।🤷♀
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सादर✍©
बाबू लाल शर्मा, बौहरा
सिकन्दरा,दौसा,राज.
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