माता
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"""""""""""'""""""बाबूलालशर्मा
. 🌹 *माँ* 🌹
माँ जननी है हर दुख:हरनी,
तनमन प्राणों के सृजन करे।
सर्व समर्पित करती हम पर,
उर,श्वाँस,रक्त,मन मनन करे।
माँ का आँचल स्वर्ग सरीखा,
कहाँ तक गौरव गान करें।
माँ के चरणों में जन्नत सुख,
क्या,क्या हम गुणगान करें।
माँ की ममता मान सरोवर,
सेवा सातों धाम का जल है।
माँ का तप पर्वत से ऊँचा,
हम भी उस तप का फल है।
माँ की सारी बाते लिख दे,
किस की वह औकात अरे।
वसुन्धरा को कागज करले
सागर यदि मसि पात्र करें।
माँ,जननी है, माली तन मन,
जीवन जन का चमन करे।
राम,खुदा,सत संत,पीर,जन,
सब माँ के चरणों नमन करें।
✍©
सादर🙏🏻,
*बाबू लाल शर्मा*'बौहरा'
सिकंदरा,
दौसा(राजस्थान)9782924479
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मातु चरणों में सादर🙏
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