तीज
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""""""""""""""""""""""""""""""""बाबूलालशर्मा
. *तीज*
. 🌴 *कुण्डलिया छंद* 🌴
. 🌴 *1* 🌴
हरियाली हर हार में, पावस की मनुहार।
प्रिये मिलन उपहार है, झूलन का त्यौहार।
झूलन का त्यौहार, सखी सब संगत झूले।
पिय हिय की बतराय,मोद मन ही मन फूले।
कहे लाल कविराय,झुलत हिय में वनमाली।
सखियाँ समझें और,बसे हरिमन हरियाली।
. 🌴 *2* 🌴
सावन की शुभ तीज है,आइ गये भरतार।
मन चाही मन की हुई ,रीत प्रीत मनुहार।
रीत प्रीत मनुहार, सजन लहरिया लाए।
चूड़े अजब सिंगार, सिंजारे घेवर आए।
कहे लाल कविराय,आय नित ऐसे पावन।
शिव गौरी श्रृंगार, कान्ह राधे ज्यों सावन।
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✍🙏©
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा, दौसा,राज.
🌳🌳🌳🌳तीज🌳🌳🌳🌳
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