पर्यावरण पच्चीसी

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~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा

.        *पर्यावरण पच्चीसी*
1.💫
धरा प्रदूषित हो रही,संगत जल थल होय।
पर्यावरण विचारिए, तभी सृजन नव होय।।

2.💫
जल  वायू  दूषित हुए, मृदा प्रदूषित  जाग।
पर्यावरण चेतन रखो, पीछे क्यों कर भाग।।

3.💫
पेड़  काट  पापी  बने, वृक्ष लगाय  महान।
पर्यावरण सँभाल ले, धरा न कर शमशान।।

4.💫
अनावृष्टि अतिवृष्टि भी, इंसानी करतूत।
पर्यावरण बिगाड़ के,विपदा लई अकूत।।

5.💫
पेड़ सरीखे मीत नहि, जे समझे मन माहि।
पर्यावरण  सुधारते, रीत   प्रीत  दे   ताहि।।

6. 💫
खेजड़ली के हित दिए,प्राण अनेक सुजान।
पर्यावरण  सुवीर  जन, उनका  करते मान।।

7. 💫
धूल धुँआ को कम करो,साफ नगर देहात।
पर्यावरण हित चेतना,करो सभी सन बात।।

8.💫
गंगा गौ गिरि राखिए, पर्यावरण सुभाँति।
गंद गदल  गैसें बुरी, इनसे भली  दुभाँति।।

9. 💫
सागर सरिता शैल से, रखो रीत की  प्रीत।
पर्यावरण  संरक्षण , हित यह  सच्चे मीत।।

10.💫
खेत  किसानी  काम मे, देशी  खाद उपाय।
रसायनिक मत काम लो, पर्यावरण बचाय।।

11.💫
बिजली डीजल के करो,सीमित ही उपभोग।
पर्यावरण  बचा  रहे , सही   जोग   संजोग।।

12. 💫
कदम कदम पर पेड़ हो, पंछी कलरव गान।
चहक  उठे  पर्यावरण, बनी रहे  महि  शान।।

13.💫
गंदे  नाले  शहर  के ,झीलों  तक  न  जाय।
जल स्रोतों को साफ रख,पर्यावरण बचाय।।

14.💫
बचे परत ओजोन तो,धरती पर समताप।
पर्यावरण हित में रहे,यज्ञ हवन नित जाप।।

15.💫
गाड़ी मोटर कार का, कम करले उपयोग।
पर्यावरणी  सोच  हो, योग  करे   निःरोग।।

16..💫
पर्यावरण  सँभालिए, सागर नदी सँभारि।
गौचारण हित भू रहे,जंगल वनज उबारि।।

17, 💫
गिद्ध  चील तो लुप्त है, गायब चीता शेर।
पर्यावरण  संकट  बने, मोर गुड़ावण ढेर।।

18. 💫
कचरे  पाँलीथीन से, धरती गाय  बचाव।
पर्यावरण बना रहे,स्वच्छ नीति अपनाव।।

19.💫
घर बया के नष्ट है,विकिरण का आघात।
मधुमक्खी भी कम हुई,पर्यावरण थकात।।

20. 💫
झीलों की नगरी बड़ी, उदयापुर की बात।
पर्यावरण  सचेत  से,दुनिया में विख्यात।।

21. 💫
बड़ पीपल है देवता, पालो सुत की भाँति।
प्रहरी पर्यावरण  के , लम्बी आयु सुजाति।।

22. 💫
जल जंगल जग में रहे, जंगम जीव हमेश।
पर्यावरण बचाव  हित, करो उपाय विशेष।।

23.💫
वन्य वनज वन में रहे,उनको मत कर हानि।
पर्यावरणन  हित   करे, वर्षा  हवा  प्रमानि।।
24. 💫
साफ सफाई संयमी, तन मन घर के पास।
पर्यावरण शुद्ध रहे, श्वाँस  श्वाँस की आस।।

25.💫
पंचवटी  त्रेता कहे, द्वापर कदम  करील।
"बाबू" पर्यावरण  को , ढूँढे  छाँया  चील।।
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सादर,🙏
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकदरा,दौसा,राज.
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