कामना

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~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
.        *भुजंगी छंद*
यगण १२२×३+ लघु गुरु
१२२   १२२   १२२  १२
.          *कामना*
सुनो वीर फौजी  तुम्हारे लिए।
जला दीप घी के सभी ने दिए।
तुम्ही  से रहेगी  सुरक्षा  सखे।
सदाचार   सारे     हमारे  रखें।

बढ़े देश की  शान वीरों चढ़ो।
रखो  मान  ईमान  पंथी बढ़ो।
नही भूलना  गान  पंछी  कहे।
वही पातकी  पाक  पीछे रहे।

सखे भारती  आरती धारती।
भला चाहती भावना पालती।
करे  काम  ऐसे  सधे कामना।
सधे साधना मात की भावना।

करामात  ऐसीेे  हताशा मिटे।
पराधीनता की  निराशा कटे।
जहाँ वीरता ही  सदा धारती।
अहो भारती माँ सुने आरती।

जपे शारदे माँ  कथा पावनी।
कहे भक्त भावे मनो भावनी।
रखो देश मेरा भला ही सदा।
टले  घोर ऐसी, बला  सर्वदा।

करे  देश सेवा  बचा बेटियाँ।
पढ़े बेटियाँ तो  सरे नेकियाँ।
हमारी सभी से  यही बंदगी।
बचाएँ सदा ही धरा जिंदगी।

सुनाएँ कहानी  शहीदी  यही।
बताएँ जवानी   रवानी  मही।
करें वंदना ईश  आओ अभी।
बढ़े देश आगे सँभालो सभी।
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✍©
बाबू लाल शर्मा "बौहरा"
सिकंदरा, दौसा,(राज.)
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