पीयूष वर्ष छंद विधान

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~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
*पीयूष वर्ष छंद विधान*
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10,9 पर यति प्रति 2 चरण समतुकांत
3, 10, 17 वीं मात्रा लघु अनिवार्य
2 मात्रा भार को 11 लिखने की छूट नहीं
मापनी
2122 2122 212

आज माता भूमि, चाहे वीरता।
शक्ति चाहे भक्ति, चाहे धीरता।
देखलो काश्मीर, घाटी देश की।
मानते है शान, माँ के वेष की।

एकता में शक्ति, भारी जानते।
भारती की आन, को भी मानते।
पाक है नापाक , पापी पातकी।
कर्म से बर्बाद, होता घातकी।

भारती आजाद , ये आबाद हो।
देश के जाँबाज , ये नाबाद हो।
*लाल* ये आजाद, पंछी गान हो।
देश का सम्मान, ऊँची शान हो।
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✍©
बाबूलालशर्मा,बौहरा
सिकंदरा, दौसा, राजस्थान
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