नुकता पच्चीसी
🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚🐚दोहा~छंद~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा . *नुकता पच्चीसी* . (मृत्युभोज) 1.... जीते जी माँ बाप री, करे न सेवा यत्न। मरने पर बहु भोज हो,यहाँ कैसा प्रयत्न।। 2..... मात प...