लेख. गोबरधन
🐂🐃🐑🌳🦚🦜🦈🐒🦄🐘 *निज मत* --बाबूलालशर्मा 💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫 . *गोबरधन* . --------- गोधन पशुधन धन बड़े, कृष्ण बढ़ाये मान! व्यापक गोबरधन हुआ, करिये मान सुजान!! गोवर्धन को हम *गोबरधन* भी कहते रहें तो क्या हानि है। गोवर्धन एक व्यापक शब्द है जो हमे गो(पृथ्वी),गोवंश एवं किसान के प्रति सम्मान व संरक्षण का बोध कराता है । *गोबरधन* और भी व्यापक शब्द है जो हमे समस्त पशुधन व किसान कृषक ,कृषि कर्मी ,मजदूर सभी के सम्मान ,स्वाभिमान,व संरक्षण का बोध करवाता है । कृष्ण का पर्वतधारण कर जन रक्षा करना हमारे सैनिकों के सम्मान त्याग बलिदान ,व शौर्य का सूचक है। हम मुंशी प्रेमचंद के साहित्य में खेत, गाँव,गोबर कृषक,गाय,मजदूर के दृश्य देखलें, चाहे हमारी संस्कृति मे ,पंचामृत,हवन पूजा,चौका,आँगन ,आयुर्वेद, में गोबर का पंचगव्य महत्व देखलें ,चाहे, कृषि व खाद में गोबर व पशुधन का महत्व देखलें चाहे वर्तमान की जैविक कृषि देखलें हम पशुधन, गोबर ,कृषक, को नकार नही सकते है। यदि भौतिकता की भूल भूल...